प्रबन्धक

स्वाधीनता प्राप्ति के पश्चात ‘स्वत्व’ की अनुभूति के आधार पर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ‘स्व’ का तंत्र कैसे विकसित हो यही जनः मन द्वारा अपेक्षित थी। यदि बालक के मन में स्वाभिमान, स्वानुशासन, स्वावलम्बन, स्वधर्म, स्वदेशप्रेम, स्वसंस्कृति तथा अतीत के गौरवशाली परम्परा आदि के प्रति आत्मीयता व अपनत्व का भाव विकसित किया गया होता तो भावात्मक एकात्मता प्रत्येक भारतीय का स्वभाव बन जाता। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में योग्य व्यक्तित्व का अभाव व अकाल आज दिखायी न देता। राष्ट्र निर्माण, कल-कारखानों के विकास, यातायात, स्वास्थ्य,शिक्षा आदि अनेक योजनाएं बनी परन्तु जिनके बल पर राष्ट्र की शा स्वतता निहित है अर्थात् व्यक्तित्व निर्माण का कार्य नहीं हुआ।

प्रधानाचार्य 

गॉधी मेमोरियल इण्टर कालेज बहादुरगंज गाजीपुर एक ख्याति प्राप्त इण्टर कालेज है | इण्टर कालेज में नामांकन लेने के आपके निर्णय का मै स्वागत करता हूँ की यह इण्टर कालेज आपके भविष्य को सवारने में पूरा योगदान देगा | इण्टर कालेज संस्कार युक्त शिक्षा ग्रहण करने का सुगम एवं सुलभ संस्थान है | योग्य एवं अनुभवी शिक्षकों के निर्देशन में सभी विषयों की नियमित पढाई एवं परीक्षा की विशेष तैयारी इण्टर कालेज के शैक्षणीक वातावरण को और भी प्रभावित करता है | यही कारण है की क्षेत्र के बहार के लोग भी इंटर तक शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूर-दूर से आते है | कठिन परिश्रम और अनुशासन हमारा मूल मंत्र है | मैं आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ |

हमारे बारे में

शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र की संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन एवं हस्तानांतर होता है | छात्राएं शिक्षा के माध्यम से ही अपने व्यक्तित्व का विकास तथा राष्ट्रीय संस्कृति को ग्रहण कर सकती हैं

शिक्षा हमारे अन्तर्निहित अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर ज्ञानरुपी प्रकाश को प्रज्जवलित करती हैं | यह व्यक्ति को सभ्य सुसंस्कृत बनाने का एक सशक्त माध्यम हैं | यह हमारी अनुभूति एवं संवेदनशीनलता को प्रबल करती है तथा वर्तमान एवं भविष्य के निर्माण का अनुपम स्रोत हैं | आज का मानव अपने मानवीय मूल्यों के प्रति विमुख हो चुका हैं | ऐसा स्थिति में उचित शिक्षा ही हमारे आदर्श एवं विश्वास समाज में अनुपस्थित होते जा रहे हैं | ऐसी स्थिति में उचित शिक्षा ही हमारे मूल्यों को विकसित करने में सार्थक कदम उठा सकती हैं | शिक्षा हमारे वंछित शक्ति का विकास करती हैं | इसके आधार पर ही अनुसंधान और विकास को बल मिलता है